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कहानीःरात होने से पहले

धारावाहिक कहानीः

रात होने से पहले
भाग-२


शुभि अपने कमरे में गहरी नींद में सो चुकी थी।जब आदमी में ईमान होता है तभी उसे नींद भी आती है.. मैंने तो अपने ईमान धर्म सब बेच दिया था..!!
बारबार चौधरी साहब के घर की पार्टी का दृश्य उभर कर सामने आ रहा था।

,,चियर्स...!!,चियर्स... शीशे के गिलास टकरा रहे थे और अब मेरे दिमाग का नस फट रहा था।

माधव नारायण राजपुर से लगभग 10-12किलो मीटर दूर एक छोटा सा गांव--बिरजापुर में एक दुकानदार था।

बिरजापुर का एक मध्यम सुशिक्षित किसान।मौसम में वह खेतीबाड़ी कर लेते।घर से सटे दुकान था जिसमें एक में राशन का दुकान खोल रखा था।

माधव का परिवार बहुत बड़ा था।माधव नारायण की वृद्ध माता, माधव जी की बहन,उसके दो बच्चे, माधव के चार बच्चे माधव और उनकी पत्नी।

इतने लोगों के भरणपोषण का समूचा वहन माधव का दुकान और खेतीबाड़ी पर ही टिका था।

माधव का एक एकड़ का खेत था जो उसके घर से थोड़ी दूर पर था।चौधरी की नजर इसी पर थी।वह अपने संदिग्ध व्यापार का गोदाम यहां बनवाना चाहता था।
क्योंकि यह शहर गांव सबसे अलग और दूर था,जहां वह पुलिस से बचकर अपने काले सपनों को पूरा कर सकता था।
इसी नेक काम के लिए वह सरीन को मोहरा बनाकर उसके इमान  के साथ खेल रहा था।

रातोंरात सरीन की किस्मत बदल गई थी।

सरीन ने अपने दिमाग  के चौकड़ी लगाकर माधव नारायण की सारी जमीन पर चौधरी रतन सिंह का नाम लिख दिया था।
इसी खुशी में चौधरी ने उसके नाम आज की शाम कर दिया था।

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न जाने किन उधेड़बुन में खोए सरीन की आँखें कब लग गईं पता ही नहीं चला।
दूसरे दिन करीब नौ बजे शुभि उसे उठाई तब जाकर वह जागा।
,,क्यों जी,तबियत ठीक है न..,जब से चौधरी जी के घर से आए हो बुझे बुझे से लग रहे हो।,,

सरीन--,,नहीं मैं ठीक हूँ..!,वह मुस्कुरा कर फ्रेश होने के लिए चला गया।,,

अपने ऑफिस में किसी ने उसे इत्तल्ला किया कि माधव नारायण अपनी बची संपत्ति गिरवी रख कर हाइकोर्ट में अरजी डाल सकता है।

सरीन बहुत परेशान हो गया।उसी समय चौधरी के आदमी चौधरी का संदेश लेकर आते हैं।

सरीन चौधरी के घर जाता है।

चौधरी उसे देखकर हा..हा..कर हँसने लगता है फिर उसे  दो हवाई टिकट देता है..एक हफ्ते के ट्रिप के लिए।

,,बहूरानी कौ घुमा लावौ भई,सरीन..,एतना अच्छा काम कियौ है तुम तो...!!,

सरीन उसे एकटक देखने लगता है तो चौधरी बोलता है--,,ना..ना मत बोलना अब...!!,ये तो त्तुम्हें लैना ही होगा.. अब जाओ...घूम आओ बहुरिया साथ..!!,,

सरीन बहुत ही पेशोपेश में रहता है।जब घर पहुंचता है तो शुभि को सजी संवरी देखकर बहुत खुश हो जाता है।

फिर चौधरी का दिया सरप्राइज शुभि को दिखाता है।इसे देखकर शुभि बहुत खुश हो जाती है।

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स्वरचित
सीमा..✍️✨
©®
क्रमशः

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3 Comments

Hayati ansari

29-Nov-2021 09:47 AM

Nice

Reply

Niraj Pandey

08-Oct-2021 04:33 PM

बहुत ही बेहतरीन👌

Reply

Shalini Sharma

01-Oct-2021 01:52 PM

Nice

Reply